सँजोये, बड़ा अमीर होता है ये उपेक्षित सा कोना। सँजोये, बड़ा अमीर होता है ये उपेक्षित सा कोना।
आज पुराना बक्सा खोला। आज पुराना बक्सा खोला।
और हर बार थोड़ा और कस के कहीं खुल ना जाए फिर दोबारा। और हर बार थोड़ा और कस के कहीं खुल ना जाए फिर दोबारा।
खत्म होने पर सबको जाना है एक ही बक्से में। खत्म होने पर सबको जाना है एक ही बक्से में।
वह गरीब अक्सर, अपने खाली बटुए और बक्से को रह रह कर टटोलता है। वह गरीब अक्सर, अपने खाली बटुए और बक्से को रह रह कर टटोलता है।
फिर वही बस्ता , वही क्लास, किताबों में सिमटी दुनिया फिर वही बस्ता , वही क्लास, किताबों में सिमटी दुनिया